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Mahakal Temple : भगवान महाकाल को गर्मी से राहत के लिए 24 अप्रैल से बांधी जाएगी गलंतिका, शीश पर शीतल जलधारा होगी प्रवाहित – Mahakal Temple Galantika will be tied to Lord Mahakal from 24th April to provide relief from heat

भगवान महाकाल को गर्मी से राहत के लिए 24 अप्रैल से बांधी जाएगी गलंतिका, शीश पर शीतल जलधारा होगी प्रवाहित

द्वारा Hemant Kumar Upadhyay

प्रकाशित तिथि:

शुक्र, 19 अप्रैल 2024 09:55 पूर्वाह्न (IST)

अद्यतन दिनांक:

शुक्र, 19 अप्रैल 2024 09:55 पूर्वाह्न (IST)

महाकाल में बंधी गलंतिका

पर प्रकाश डाला गया

  1. भीषण गर्मी में भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए जतन करते हैं पुजारी
  2. महाकाल में बंधने वाली गलंतिका 11 मटकियों का समूह है।
  3. वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक दो माह तक बांधी जाती है

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल से गलंतिका बांधी जाएगी। अर्थात मिट्टी से निर्मित मटकियों से भगवान के शीश पर सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जाएगी। ज्योतिर्लिंग की परंपरा अनुसार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक दो माह प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक गलंतिका बांधी जाती है।

पं.महेश पुजारी ने बताया समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने कालकूट विष का पान किया था। गर्मी के दिनों में विष की उष्णता और बढ़ जाती है।

ऐसे में भगवान को गर्मी से राहत प्रदान करने के लिए उनके शीश पर मिट्टी की मटकियों की गलंतिका बांधी जाती है। इससे दिनभर शीतल जलधारा प्रवाहित की जाती है। गलंतिका बांधने का क्रम वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक पूरे दो माह चलेगा।

पवित्र नदियों के नाम से 11 मटिकियां बांधी जाएंगी

महाकाल में बंधने वाली गलंतिका 11 मटकियों का समूह है। इन मटकियों पर गंगा, यमुना, कांवेरी, गोदावरी, शिप्रा आदि पवित्र नदियों के नाम लिखकर चांदी के मुख्य कलश के आसपास बांधा जाता है। इसी से जलधारा प्रवाहित की जाती है।

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